Class 9th Hindi Chapter 1 : बिहार बोर्ड कक्षा 9वी के लिए हिंदी का पार्ट 1 एक का सारांश और वस्तुनिष्ठ महत्वपूर्ण प्रश्न इस आर्टिकल में दिया गया है शिवपूजन सहाय का कहानी का प्लॉट एक कहानी है जो इस आर्टिकल में कहानी का प्लॉट के बारे में विस्तार से बताया गया है जो कक्षा 9वी के विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
कहानी का प्लॉट लेखक परिचय?
बिहार बोर्ड कक्षा 9वी के लिए आज के आर्टिकल में चैप्टर एक में कहानी का प्लॉट शिवपूजन सहाय के बारे में कहानी का सारांश और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को जानेंगे सबसे पहले हम लोग कहानी का प्लॉट के लेखक के परिचय के बारे में जानते हैं।
कहानी का प्लाट का लेखक शिवपूजन सहाय जी हैं जिनका जन्म 1893 ईस्वी में पुनर्वास बक्सर बिहार में हुआ था शिवपूजन सहाय का बचपन का नाम भोलानाथ था और इन्होंने दसवीं का परीक्षा पास करने के बाद बनारस की अदालत में नकल नवीस का नौकरी की और फिर बाद में हिंदी के अध्यापक बन गए फिर शिवपूजन सहाय ने असहयोग आंदोलन के प्रभाव से उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और फिर से पूजन सहाय अपने समय के लेखन में बहुत ही लोकप्रिय और सम्मानित व्यक्ति थे और ऐसे में उन्होंने जागरण हिमालय माधुरी बालक अधिकारी ऐसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का संपादन किया हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका मतवाला के संपादक मंडल में से थे और 1963 में शिवपूजन सिंह का देहांत हो गया और फिर बिहार राष्ट्रभाषा परिषद तो उन्हीं की कल्पना का सरकार रूप है देहाती दुनिया उनका एकमात्र उपन्यास है जो ग्रामीण प्रवेश को ठेस भाषा में उभरता है कहानी का प्लॉट में कहानीकार ने समाज में नारी का स्थान निर्धारित करने की क्रम में तिलक दहेज की निर्माण प्रथा और वृद्धि विवाह आदि जैसे विसंगतियों का मानसिक दस्तावेज प्रस्तुत किया है बिहार राष्ट्रभाषा परिषद तो उन्हीं की कल्पना का सरकार रूप है।
कहानी का प्लॉट सारांश?
शिवपूजन सहाय की कहानी का प्लाट का सारांश के बारे में बात करें तो इस कहानी में कहानीकार की ओर से समाज में नारी का स्थान निर्धारित करने के कारण में तिलक दहेज की निर्माण प्रथम वृद्धि विवाह आदि जैसे विसंगतियों का करने का दस्तावेज प्रस्तुत किया है यहां तिलक दहेज की कुर्ता का शिकार भगजोगनी एक वृद्धि गले बांध दी गई है और अपने सौतेले बेटे की पत्नी बनने का दुर्भाग्य स्वीकार करता है यह नारी की नियति है इस कहानी में मैं कहानी नहीं मैं कहानी लेखन नहीं हूं कहानी के लेखक प्रतियोग कहानी कुशल कहानी लेखन के लिए एक प्लॉट पाया गया हूं और यहां हादसा है इस प्लॉट में अपनी भड़कीली इमारत खड़ी कर लेंगे ऐसे में इसमें कहा गया है मेरा गांव के पास एक छोटा सा गांव है जहां गांव का नाम बड़ा गंबरू है यहां सुनकर आप दिन आएंगे इसके अलावा इस कहानी में मुंशी जी के बड़े भाई पुलिस दरोगा थे और फिर उसे जमाने में जब अंग्रेजी जानने वाले की संख्या उतना ही था तो ऐसे में आज धर्मशास्त्र के जानने वाले लोग ऊंचे ऊंचे उदय पाए थे।
9th Hindi Chapter 1 कहानी का प्लॉट सारांश?
आगे कहानी का प्लॉट सारांश के बारे में बात करें तो इसमें दरोगा जी के जमाने में मुंशी जी ने भी खूब घी के दीए जलाए और इसमें जरा किस्मत की दोहरी मार तो देखिए दरोगा जी के जमाने में मुंशी जी के चार-पांच लड़के हुए अंत में सच पूछिए तो इस तिलक दहेज के जमाने में लड़की पैदा करना ही बड़ी भारी मुड़ता है। इसमें लेकिन युग धर्म की क्या दवा है इसमें भाग जोगनी चुकी मुंशी जी की गरीबी में पैदा हुई है और जनमत ही मन के दूध से वंचित होकर सूअर कहलन लगी है यह कहानी काफी है लंबी और मजेदार है यहां गांव वालों ने गले में घड़ा बंद कर नदी में डूबा दिया है भाग जॉनी जीती है और आज वह पूर्ण युक्ति है क्योंकि उसका शरीर भरा पूरा और फुल फुल उसका सौंदर्य उसके वर्तमान नवयुवक पति का स्वर्गीय धन है इसके अलावा इस कहानी में पहला पति इस संसार में नहीं है दूसरा पति उसका सौतेला बेटा है इस तरह कहानी का प्लाट का पूरी सारांश है।
Class 9th Hindi Chapter 1 Bihar Board Objective
Class 9th Hindi Chapter 1 Bihar Board Objective : कहानी का प्लॉट शिवपूजन सहाय का वस्तुनिष्ठ प्रश्न जो कक्षा नौवीं के विद्यार्थियों के लिए काफी ही महत्वपूर्ण होगी।
शिवपूजन सहाय का जन्म कब हुआ था।
शिवपूजन सहाय का जन्म 1893 ईस्वी में हुआ था।
शिवपूजन सहाय का जन्म कहां हुआ था।
शिवपूजन सहाय का जन्म अनवास बक्सर बिहार में हुआ था।
कहानी के प्लॉट के लेखक कौन है?
कहानी के प्लॉट के लेखक शिवपूजन सहाय जी हैं।
शिवपूजन सहाय सरकारी नौकरी से त्यागपत्र क्यों दिया?
शिवपूजन सहाय अपने समय के लेखन में बहुत लोकप्रिय और सम्मानित व्यक्ति थे और असहयोग आंदोलन के प्रभाव से उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।
कहानी का प्लॉट में क्या प्रस्तुत किया गया है?
कहानी का प्लॉट में कहानीकार ने इस समाज में नारी का स्थान निर्धारित करने के क्रम में तिलक दहेज की निर्माण प्रथम इसके अलावा वृद्धि विवाह आदि की विसंगतियों का मार्मिक दस्तावेज को पूरी तरह से प्रस्तुत किया गया है।
लेखक ने ऐसा क्यों कहा है की कहानी लिखने योग्य प्रतिभा भी मुझ में नहीं है जबकि यह कहानी श्रेष्ठ कहानियां में एक है?
Class 9th Hindi Chapter 1 Bihar Board Subjective : कहानी का प्लॉट कहानी में लेखक शिवपूजन सहाय ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि कहानी का प्लॉट कहानी शिवपूजन सहाय उनकी प्रथम रचनाओं में से एक है और उन्हें अपने ऊपर ही विश्वास ना हो रहा था कि वह इसके योग है या नहीं लेकिन फिर भी शुरुआत में हर लेखक को अपने काम में संदेह महसूस होता है और फिर इस भाव में रहते हैं कि उन्हें अपने ऊपर विश्वास न रहते हुए भी उनकी कहानी रचना लोगों को पसंद आएगी। उन्होंने इस कहानी में कहा है मैं कहानी लेखन नहीं हूं कहानी लिखने योग्य प्रतिभा भी मुझ में नहीं है लेकिन कहानी के लेखकों को स्वभावता कला मर्मज्ञ होना चाहिए और मैं साधारण कल भी नहीं हूं लेकिन कुशल कहानी लिखो के लिए एक प्लॉट आ गया हूं और आशा है इस प्लॉट पर वे अपनी भड़कीली इमारत खड़ी कर लेंगे इसमें मेरे गांव के कहानी छोटा सा है गांव का नाम बड़ा गवारु है सुनकर आप भी इस तरह की बातें कही गई है।
मुंशीजी के बड़े भाई क्या थे?
कहानी का प्लॉट में मुंशी जी के बड़े भाई पुलिस दरोगा में थे और उसे जमाने में अंग्रेजी जानने वाले की संख्या उतनी ही थी जितनी आज धर्म शास्त्रों के मर्म जानने वाले की है।
कहानी का प्लॉट में लेखक द्वारा भगजोगनी नाम क्यों रखा गया है?
शिवपूजन सहाय जी का कहानी का प्लॉट में भाग जोगनी नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि विभिन्न पत्रों में से एक मुख्य पात्र थी जहां लेखक के द्वारा इसका नाम भोग योगी ने इसे रखा और क्योंकि यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित थी और जब भी लेखक इस घटना को कहानी का रूप दे रहे थे तो वह किसी भी पत्र का नाम उजागर नहीं करना चाहते थे इसलिए भाग जोगनी नाम रखा गया था।