Bihar Jamin Registry : अभी बिहार में इन दोनों जमीन का सर्वे हो रहा है और ऐसे में नीति सरकार के द्वारा जमीन रजिस्ट्री का नियम बदल चुका है जिससे कि फर्जीवाड़ा पर रोक लगा सके इस आर्टिकल में यह जानेंगे भूमि सर्वे के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश सरकार के द्वारा रजिस्ट्री के नियम में क्या बदलाव किया गया है।
बिहार में भूमि सर्वे के बीच सरकार रजिस्ट्री के नियम में क्या बदलाव किया?
आप सभी को बता दे कि अभी बिहार में जमीन सर्वे के बीच सरकार के द्वारा एक हम फैसला लिया गया है जहां की अब बिहार में जमीन का रजिस्ट्री कराना और भी सुरक्षित हो जाएगा क्योंकि यह एक अहम फैसला है जिससे की जमीन का रजिस्ट्री होने वाले फौजी वाले पर पूरी तरह से रोक लगा सके और यह नया नियम लागू किया गया है और इस नियम के तहत अब बिहार में जमीन का रजिस्ट्री करने से पहले जमीन का रिकॉर्ड को आधार कार्ड से लिंक करना काफी अनिवार्य होगा क्योंकि यदि बिना आधार लिंक जमीन का रजिस्ट्री नहीं हो पाएगा जिस की जमीन खरीद फर्रुखाबाद में होने वाले फर्जी वाले पर पूरी तरह से रोक लगा सके।
बिहार जमीन रजिस्ट्री खबर नया नियम?
बिहार सरकार के द्वारा बिहार जमीन रजिस्ट्री होने के दौरान कई प्रकार का फर्जीवाड़ा होते रहता है और फर्जीवाड़ा की खबरें आते रहती है। इसके अलावा फर्जीवाड़ा का एक और कारण है आधार कार्ड का फोटो कॉपी में हेरा फेरी करके फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर लिया जाता है जिससे लोगों को परेशानी होती है और यह नए नियम से आगे आने वाले भविष्य में धोखाधड़ी को रोक सके और नए नियम के तहत जमीन का विक्रेता को अब अपने नाम से जमाबंदी का आधार कार्ड मोबाइल नंबर लिंक करना होगा इसके अलावा खरीदारी और गवाह का भी सत्यापन पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया है।
आप सभी बिहार वासियों को बता दे की रिपोर्ट के अनुसार अब नए सिस्टम से बेनामी संपत्ति का भी पता लगाना काफी आसान हो चुका है क्योंकि अब जिला निबंधन कार्यालय के अनुसार यह नियम ही निबंध के को लाइव नमक सॉफ्टवेयर के जरिए लागू किया जाएगा जिससे की जमीन का खरीद हर वक्त के लिए विक्रेता और खरीदार का पहचान पत्र लिया जाता था और आधार कार्ड का फोटो कॉपी भी शामिल होता है इसके अलावा रास्ता रिकॉर्ड में अब आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है क्योंकि यदि आधार नंबर लिंक होने के बाद रजिस्ट्री कार्यालय में कंप्यूटर कृत सिस्टम ऑनलाइन मिलान किया जाएगा ऑफिस के बाद रजिस्ट्री हो पाएगा।
बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नियम ही बदले
आप सभी को बता दे कि अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा ही माफी के आने के बाद आवेदक को अस्वीकृत का जांच किया जाएगा साथी जांच यह रेंडम तरीके से किया जाएगा और फिर आवेदन स्पीकर करने का आधार सही है या नहीं क्योंकि 25% आवेदन स्वीकार कर दिया जाता है और इससे में जिला राज्य सब से मिले आंकड़े के अनुसार जिले के 19 अंजलि में अब की माफी के लिए कुल 1700 आवेदन आया है और यहां 417 आवेदन अलग-अलग कारण से स्वीकार किया गया है वही 897 में आवेदनों का भुगतान हो चुका है।
बिहार में जमीन का रजिस्ट्री कराना काफी सुरक्षित हो गया है
जमीन सर्वे के बीच नीति सरकार का यह अहम फैसला है जिससे कि बिहार में जमीन का रजिस्ट्री कराना काफी सुरक्षित हो गया है नीति सरकार का यह हम फैसला है जिससे की जमीन रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा पर रोक लगा सके क्योंकि अब जमीन का रजिस्ट्री करने से पहले जमीन रिकॉर्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य हो चुका है और बिना आधार कार्ड लिंक के जमीन का रजिस्ट्री नहीं हो पाएगा इसी की फर्जीवाड़ा पर भी रोक लग सकेगा ।
Read More : Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला जमीन बेचना अब आसान नहीं, पैतृक संपत्ति वाले जरूर जान लें फैसला ।