Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला जमीन बेचना अब आसान नहीं, पैतृक संपत्ति वाले जरूर जान लें फैसला ।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Supreme Court Land Registry : पितृक जमीन बेचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है जहां की जमीन बेचना बिल्कुल आसान नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई भी हिंदू उत्तराधिकारी अपने पैतृक कृषि भूमि का हिस्सा को बेचना चाह रहे हैं तो ऐसे मैं यहाँ सम्पत्ति सबसे पहले अपने परिवार का सदस्य को ही बेचने का पूरा प्रयास करना होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक कहा गया है कि यह निर्णय हिंदू उतराधिकारी कानून 22 के तहत लिया गया है जहां अब पारिवारिक संपत्ति का बाहरी व्यक्तियों के हाथ में जाने से रोका जाना सुनिश्चित किया गया है है आइए सुप्रीम कोर्ट का इस फैसले के बारे में जानते हैं।

पैतृक संपत्ति को लेकर खबरें क्या है?  Supreme Court

आप सभी को बता दे की सुप्रीम कोर्ट का फैसला और इसके पीछे का तार किया है कि इस प्रकार का मामला हिमाचल प्रदेश के नाथू और संतोष से संबंधित है क्योंकि यहां सुप्रीम कोर्ट का बेंच जस्टिस यो यो ललित और एम ए आर शामिल थे जहां की अपने फैसले में यह कहा गया की धारा 22 का उद्देश्य परिवार में ही संपत्ति को बनाए रखना है और इसके अलावा पैतृक संपत्ति का उत्तराधिकारी को या अधिकार है कि वह किसी बाहरी व्यक्ति से पहले अपने परिवार को किसी सदस्य को ही संपत्ति भेज सके सुप्रीम कोर्ट का यह अहम फैसला है इसके अलावा लिए धारा 22 का महत्व और प्रधान को जानते हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

धारा 22 का महत्व और इसका प्रावधान क्या है?

आप सभी को धारा 22 का महत्व और प्रावधान बता दे तू कुछ इस प्रकार है कि हिंदू उत्तराधिकार कानून का धारा 22 में इस प्रकार का प्रावधान किया गया है जहां कि यदि किसी भी व्यक्ति का मृत्यु बिना वसीयत का होता है तो फिर ऐसे में उसकी संपत्ति स्वाभाविक रूप से उसके उत्तराधिकारी के बीच बांटा जाता है क्योंकि यदि कोई उत्तराधिकारी अपना हिस्सा बेचना चाहते हैं तो फिर ऐसे में कानून के मुताबिक अपने परिवार का बाकी उत्तराधिकारियों को प्राथमिकता देना होता है।

साथी धारा 4(2) और कष्टकारी अधिकारी का संबंध कुछ इस प्रकार है कि कोर्ट के द्वारा फैसले के मुताबिक स्पष्ट किया गया है कि कर दो का खात्मा इस नियम में प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि धारा का संबंध कष्टकारी अधिकारियों से है कोर्ट के द्वारा कहा गया की धारा 22 का उद्देश्य पैतृक संपत्ति का रक्षा करना है जिससे कि बाहरी व्यक्ति परिवार के इस संपत्ति का हिस्सा न बन सके।

पैतृक संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा क्या फैसला सुनाया गया?

आप सभी को बता दें कि पैतृक संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा या फैसला सुनाया गया है की पैतृक संपत्ति को वसीयत के जरिए तब तक हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है जब तक की इसका औपचारिक रूप से बंटवारा न हो जाए क्योंकि बंटवारे के बाद व्यक्ति का हिस्सा सुबह अर्जित संपत्ति बन जाता है जिससे कि फिर वसीयत के जरिए वसीयत किया जाए सकता है।

Supreme Court

पैतृक संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कुछ इस प्रकार की फैसला हैं।

आप सभी को बताने की पैतृक संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसले इस प्रकार है जहां की पैदिक संपत्ति का वसीयत के जरिए तब तक स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है जब तक इसका औपचारिक रूप से बंटवारा न किया जा सके इसके अलावा बंटवारे के बाद व्यक्ति का हिस्सा शिव अर्जित संपत्ति बन जाता है क्योंकि फिर बच्चों के जरिए बासित किया जा सकता है ।

इसके अलावा बेटियों का ऐसी संपत्तियों पर सम्मान अधिकार होगा क्योंकि बेटों के सम्मान ही संपत्ति का उत्तराधिकारी होंगे इसके अलावा बिना वसीयत लिखे मृत्यु वाले हिंदू पुरुष का स्वार्चित संपत्ति उत्तराधिकार के माध्यम से नहीं बल्कि विरासत के माध्यम से स्थानांतरित होगा इसके अलावा पिता हिंदू या हिंदू अभी विभाजित परिवार का किसी अन्य प्रबंध सदस्यपैतृक संपत्ति को लेकर पवित्र उपदेश के लिए उपहार देने का अधिकार भी है इसके अलावा सोनिया अमन विवाह से हुए बच्चों को वेद परिजन माना जाता है ।

क्योंकि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 पैतृक संपत्ति को विनियमित करता है हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 के बाद मृत व्यक्ति का हिस्सा वसीयत के जरिए या बिना वसीयत के उत्तराधिकारियों को मिल सकता है इसके अलावा पिता को यह अधिकार है कि वह अपनी अर्जित संपत्ति किसी को भी दे सकता है पिता की संपत्ति का पैतृक संपत्ति नहीं माना जाता क्योंकि वह उसे अपने बेटे को उपहार में देता है।

Read More : 5 Rupee Coin : ₹5 का सिक्का क्यों बंद हुआ, आरबीआई ने बताया कारण जल्द करे जमा !

My name is Uttam Kumar, I come from Bihar (India), I have graduated from Magadh University, Bodh Gaya. Further studies are ongoing. I am the owner of Bsestudy.in Content creator with 5 years of experience in digital media. We started our career with digital media and on the basis of hard work, we have created a special identity for ourselves in this industry. (I have been active for 5 years, experience from electronic to digital media, keen eye on political news with eagerness to learn) BSE Study keeps you at the forefront, I try to provide good content and latest updates to my readers.You can contact me directly at ramkumar6204164@gmail.com